दुनिया के सबसे अच्छी कोशिश : बिना कोशिश के कोशिश करना 


 बच्चा पैदा हुआ , बहुत अच्छा लगा , 3 या 4 साल की उम्र में ही उसे महंगे से महंगे स्कूल में डालने की होड़।  महंगे टूशन्स ,कोचिंग क्लासेज। बच्चा पहुंचा 10 क्लास के बोर्ड एग्जाम में।  अब 10 वी के बोर्ड एग्जाम में अंक ( नहीं गलत हो गया , अपने सभी रिश्तेदारों , दोस्तों से ज्यादा अंक लाने की ) जद्दोजेहद।  फिर आयी 12 वी के बोर्ड एग्जाम , अब फिर सबसे अच्छे अंक लाने के जद्दोजेहद , फिर अच्छे से अच्छे कॉलेज में एडमिशन की जद्दोजेहद।  कॉलेज पूरा हो गया अब  नौकर बनने की जद्दोजेहद ( सॉरी नौकरी पाने की जद्दोजेहद ) 

पर ये इतना सब कुछ किया किसलिए था ? मुख्या लक्ष्य या फोकस था क्या ? 

    शायद एक अच्छी जिंदगी जीना , अब अच्छी ज़िन्दगी मतलब ? 
      शायद बिना जद्दोजेहद के अपनी जरुरत और शौक पूरे करना।  और इसके लिए चाहिए क्या ? पैसा। . 

       मतलब ऊपर का ये सब झंझट मुख्यत: पैसे के लिए। 

        बाप रे।  

Meditation




    जब हम ऊपर के ये सारी जद्दोजेहद कर रहे होते है तब हर सेकंड , प्रतिपल हमारा दिल धड़कता रहता है वो भी बिना किसी ख़ास कोशिश के। कमाल है 

 सांस भी बिना कोशिश के ही लेते रहते है।  कमाल है न ? 

 आँखों पर लाइट लगती है तो वो भी एक ही पल में झपक जाती है वो भी बिना कोशिश के।  ये भी कमाल है ना 

 पाचन की प्रक्रिया , ये भी शरीर में अपने आप ही होती रहती है वो भी बिना कोशिश के। 

 और ये सारी वो प्रक्रिया है जिनके बिना शायद हम भोलेनाथ को प्यारे हो जाए।  पर इनको करने में कोशिश नहीं लगती। 


यंहा तक की सुबह बाथरूम  करने में भी इतनी कोशिश नहीं लगती।  फिर ये पैसा कमाना ही इतना मुश्किल क्यों है भाई ?  


वास्तव में ये शायद मुश्किल है नहीं बल्कि हमारे विचारो ने इसे बना रखा है।  आकर्षण इस प्रकृति का सहज नियम है।  हम भी हर उस चीज़ को अपनी तरफ आकर्षित करते है जिसके बारे में हम सोचते है चाहे विचार नकरात्मक हो या सकारात्मक।  हमारा ब्रह्माण्ड हर विचार को वास्तिवकता का रूप देने में समर्थ है।  यदि आप सोचते है की कोई चीज़ आपसे दूर चली जायेगी तो वह वास्तव में दूर चली जाती है क्यूंकि आपने उसे इतनी सिद्दत से सोचा है।  यदि आप किसी चीज़ के होने से डरते है तो वह वास्तव में हो जाती है क्यूंकि आप बार बार उसके बारे में सोच रहे है।  

आकर्षण इस प्रकृति का सहज नियम है इसी प्रकार यदि आप सोचते है की आप आसानी से किसी धन को हासिल कर लेंगे तो प्रकृति खुद उसके लिए रास्ता बनाने का काम करती है और यदि आप सोचते है की नहीं हम नहीं कमा सकते है , हम लायक नहीं है तो प्रकृति इसे भी सच्चा करने के लिए उतावले है।  

पर सोचना मतलब जबरदस्ती नहीं , वैसे ही जितना सहज तरीके से आप किसी चीज़ पर विश्वास कर लेते है।  





आत्मिक तिजोरी : धन आकर्षण के लिए अवचेतन मन की शक्ति को जगाना

क्या आपने कभी सोचा है कि कुछ लोग आसानी से समृद्धि को आकर्षित कर लेते हैं, जबकि अन्य लोग बमुश्किल गुजारा कर पाते हैं? इसका जवाब आपके अस्तित्व के एक छिपे हुए कक्ष, अवचेतन मन में हो सकता है। यह विशाल, रहस्यमय क्षेत्र न केवल आपके विचारों और भावनाओं को, बल्कि आपकी इच्छाओं को साकार करने की क्षमता को भी प्रभावित करता है, जिसमें आर्थिक समृद्धि भी शामिल है।



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फुसफुसाता ब्रह्मांड : अवचेतन मन का रहस्योद्घाटन

एक विशाल पुस्तकालय की कल्पना कीजिए, जो आपके हर अनुभव, हर विचार, हर भावना का भंडार है। यही है अवचेतन मन, एक मौन पर्यवेक्षक जो आपके जीवन की जटिलताओं को लगातार रिकॉर्ड करता है। यह आपकी सचेत जागरूकता के नीचे संचालित होता है, आपके फैसलों, व्यवहारों और यहां तक कि धन को आकर्षित करने की आपकी क्षमता को भी प्रभावित करता है।

आकर्षण का नियम : गुप्त वास्तुकार - कैसे विश्वास वास्तविकता को आकार देते हैं

आकर्षण का नियम, एक ऐसा सिद्धांत जो सुझाव देता है कि हम वही आकर्षित करते हैं जिस पर हम ध्यान केंद्रित करते हैं, अवचेतन मन के नजरिए से देखा जाए तो आकर्षक बन जाता है। हमारे गहरे विश्वास, जो अक्सर बचपन के अनुभवों या सामाजिक अनुकूलन के माध्यम से अनजाने में बनते हैं, हमारी वास्तविकता के लिए खाके के रूप में कार्य करते हैं। यदि ये विश्वास अभाव और सीमा से जुड़े हैं, तो वे अनजाने में समृद्धि को दूर कर सकते हैं। इसके विपरीत, अवचेतन मन के भीतर बहुतायत और संभावना के विश्वासों को विकसित करना, धन और अवसरों को खींचने के लिए एक शक्तिशाली चुंबक के रूप में कार्य कर सकता है।

पुनर्प्रोग्रामिंग परियोजना : सीमित विश्वासों को धन चुंबक में बदलना

अच्छी खबर? अवचेतन मन एक अडिग किला नहीं है। यह परिवर्तनशील है, बदलने और पुनः प्रोग्रामिंग के लिए अतिसंवेदनशील है। यहां बताया गया है कि आप धन आकर्षित करने वाले परिवर्तन की शुरुआत कैसे कर सकते हैं:

  • छिपे हुए तिजोरी का उत्खनन : सीमित विश्वासों को उजागर करना

पहला कदम आत्मनिरीक्षण है। अपने आप से पूछें: पैसे के बारे में मेरे मूल विश्वास क्या हैं? क्या मैं इसे एक दुर्लभ संसाधन या बहती हुई प्रचुरता के रूप में देखता हूं? क्या मैं धन को अपराध या अनुचित विशेषाधिकार से जोड़ता हूं? जर्नलिंग और पुष्टि जैसे "मैं धन प्राप्त करने के लिए खुला हूं" इन छिपे हुए पैटर्न को उजागर करने में मदद कर सकते हैं।

  • सकारात्मक पुनरावृत्ति की शक्ति : अपनी धन स्क्रिप्ट को फिर से लिखना

एक बार जब आप सीमित विश्वासों की पहचान कर लेते हैं, तो इसे फिर से लिखने का समय आ जाता है। सकारात्मक पुष्टि तैयार करें जो आपकी वांछित वास्तविकता के साथ प्रतिध्वनित हों। उदाहरणों में शामिल हैं "मैं एक धन चुंबक हूं," "समृद्धि मेरे जीवन में स्वतंत्र रूप से बहती है," या "मैं वित्तीय बहुतायत के योग्य हूं।" इन पुष्टि को हर दिन विश्वास और कल्पना के साथ दोहराएं। वित्तीय सुरक्षा की भावना और अपने वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने के आनंद की कल्पना करें।

  • विज़ुअलाइज़ेशन तिजोरी : समृद्धि का चित्र बनाना

विज़ुअलाइज़ेशन अवचेतन मन को प्रोग्राम करने के लिए एक शक्तिशाली उपकरण है। हर दिन कुछ समय अपने वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने की स्पष्ट रूप से कल्पना करना एक अच्छा साधन है। 



यहां इस बात का ध्यान रखना जरूरी है की हमारा मन एक खेत की तरह है जिसमे विचार  रुपी बीज  को बोया जाता है और फसल उगना कोई एक दिन का काम नहीं है इसमें समय लगता है।  














ज़िंदगी की दौड़ में फंस गए हैं? अवचेतन मन को हराकर आर्थिक आज़ादी पाएँ